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संकल्प की दृढ़ता ही सफलता की कुंजी
क्षेत्र की मोना इंडस्ट्रीज में आयोजित प्रवचन में उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार जी ने कहा कि व्यक्ति को अपने संकल्प दृढ़ रखने चाहिए। जो लोग अपने संकल्पों का पालन करते हैं, उन्हें सफलता अवश्य प्राप्त होती है। उन्होंने नशामुक्त जीवन जीने की प्रेरणा देते हुए बताया कि सद्गुणी व्यक्ति की प्रशंसा हर स्थान पर होती है। मुनिश्री ने फैक्ट्री के कर्मचारियों को नशामुक्त रहने के लिए प्रेरित किया और पान पराग, गुटका तथा जर्दा आदि नशीले पदार्थों का त्याग करवाया। उन्होंने कहा कि जैन धर्म में तीन करण और तीन योग के माध्यम से त्याग पर बल दिया गया है। पच्चीस बोलों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि कल्याणकारी कार्यों में संलग्न रहना चाहिए ताकि मृत्यु के उपरांत उच्च गति प्राप्त हो सके।
मुनिश्री ने पुरुषार्थ का महत्व बताते हुए कहा कि परिश्रम से भाग्य का निर्माण होता है और पुरुषार्थ असंभव को भी संभव बना सकता है। व्यक्ति को पद के लिए प्रयास नहीं करना चाहिए और अनावश्यक महत्वाकांक्षा नहीं रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी से भूल हो जाए तो उसे स्वीकार कर प्रायश्चित करना चाहिए और स्वयं को सुधारने का प्रयास करना चाहिए। संयम से प्रगति और असंयम से दुर्गति होती है। भगवान महावीर की वाणी व्यक्ति को जागरूक करती है। जीवन को नैतिक बनाने के लिए हृदय में अणुव्रत होना आवश्यक है। प्रवचन में उदासर, गंगाशहर और बीकानेर से बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। अंत में सभी का आभार जेठमल, मनीष, पवन छाजेड़ और बच्छराज भूरा ने व्यक्त किया।