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76वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर विभिन्न आयोजन
मुनि मोहजीतकुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में राजाराजेश्वरी नगर के तेरापंथ भवन में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए। गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वज फहराया गया। साथ ही मुनिवृन्द के प्रति मंगलभावना एवं परीक्षार्थी सम्मान समारोह का शुभारंभ मुनिश्री के मंगल मंत्रोच्चार से हुआ। मुनि मोहजीत कुमार जी ने कहा- भारतीय और मानवीय संस्कृति की मूल पहचान सम्यक् आचार, विचार, संस्कार और व्यवहार के साथ जुड़ी हुई है। इसके लिए जैन विद्या का प्रारम्भिक ज्ञान और तत्त्व दर्शन का बोध होना चाहिए। वर्तमान के गूगल युग में आवश्यकता है कि नई पीढी गुरु ज्ञान से जुड़े। शुरुआती ज्ञान का आधार जैन विद्या, सद्संस्कार आध्यात्मिक आचार का विकास है। मुनि भव्यकुमार जी ने गणतंत्र दिवस का महत्व बताते हुए कहा चाहे राष्ट्र हो या संस्था, सभी के सुचारु संचालन के लिए संविधान अर्थात मर्यादा आवश्यक है। तेरापंथी सभा की उपाध्यक्ष सरोज आर बैद ने समागत श्रावक समाज का स्वागत करते हुए मुनिवृन्द के प्रवास को क्षेत्र के लिए सोभाग्यपूर्ण बताया तथा सुखद विहार की मंगलभावना व्यक्त की। ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज डागा, तेयुप के पूर्व अध्यक्ष गुलाब बाँठिया, तेममं से अध्यक्ष सुमन पटावरी, सभा के प्रथम अध्यक्ष कमलसिंह दुगड़ आदि ने अपनी भावना व्यक्त की। सभी श्रावकों ने मुनिवृन्द से खमतखामणा किया। जैन विद्या परीक्षा एवं आगम मंथन प्रतियोगिता में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों को प्रमाण-पत्र एवं पुरस्कार वितरित किए गए। केन्द्र व्यवस्थापिका सीमा छाजेड़ ने परीक्षा की रिपोर्ट प्रस्तुत की। सक्रिय सहयोग हेतु सभाध्यक्ष राकेश छाजेड़ के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया तथा सहयोगी संगीता डागा, शारदा बैद, आशा लोढ़ा, सीमा दक, दीपिका देरासरिया के योगदान का उल्लेख किया। संकाय की दक्षिण कर्नाटक प्रभारी कंचन छाजेड़ ने संकाय संबंधी एवं आगम मंथन सहयोगी विकास दुगड़ ने प्रतियोगिता की जानकारी दी। महिला मंडल द्वारा मंगलभावना गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन मंत्री गुलाब बाँठिया एवं आशा लोढ़ा ने किया तथा आभार ज्ञापन विकास दुगड़ ने किया।