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संस्कार निर्माण के लिए बच्चों को ज्ञानशाला भेजना है आवश्यक
साध्वी प्रज्ञावतीजी और साध्वी सुदर्शनाश्री जी के सान्निध्य में ज्ञानशाला प्रकोष्ठ द्वारा तेरापंथ भवन, सूरतगढ़ में ज्ञानशाला के बच्चों के लिए फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं द्वारा मंगलाचरण से हुई। साध्वी सुदर्शनाश्री जी ने ज्ञानशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जैसे सोना खदान से निकलने के बाद तपकर ही शुद्ध सोने का रूप लेता है, उसी प्रकार बच्चों में भी संस्कारों का विकास ज्ञानशाला के माध्यम से होता है। साध्वी प्रज्ञावती जी ने ज्ञानशाला के महत्व को समझाते हुए कहा कि जिस प्रकार अभिभावक बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए विभिन्न कक्षाओं में भेजते हैं, उसी प्रकार आध्यात्मिक ज्ञान और संस्कार निर्माण के लिए भी उन्हें ज्ञानशाला में भेजना आवश्यक है। ज्ञानशाला की संयोजिका महक रांका ने बताया कि सत्र 2023-24 और 2024-25 की परीक्षा में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले तथा परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले बच्चों को पुरस्कार प्रदान किए गए।
मुख्य प्रशिक्षिका सारिका रांका ने कुछ दिन पूर्व आयोजित ज्ञानकुंज चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की। फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा निर्णायक मंडल की नेहा बैद और प्रज्ञा नौलखा ने की। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी बच्चों को पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार वितरण का संचालन मुख्य व्यवस्थापिका नीतू बैद ने किया, जबकि मंच संचालन कन्या मंडल की स्नेहा चौरड़िया ने किया। कार्यक्रम के दौरान, मर्यादा महोत्सव में भाग लेने वाली तेरापंथ महिला मंडल, कन्या मंडल और ज्ञानशाला के बच्चों का भी तेरापंथ महिला मंडल द्वारा सम्मान किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में तेरापंथी सभा, तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ कन्या मंडल और तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के सदस्य उपस्थित रहे।