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श्वासप्रेक्षा से व्यक्ति रह सकता है स्वस्थ
नोखा। तेरापंथ धर्म संघ में इस वर्ष प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष मनाया जा रहा है। आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी ने अपनी दूरदर्शिता से इसकी खोजकर एक नए तरीके से प्रस्तुत किया। 'शासनगौरव' साध्वी राजीमतीजी ने नोखा तेरापंथ भवन में 'प्रेक्षाध्यान प्रवचन माला' के दौरान कहा कि जब भी समय मिले, श्वास प्रेक्षा का अभ्यास करना चाहिए। उन्होंने समझाया कि 'श्वास आ रहा है, श्वास जा रहा है' – इस प्रक्रिया को शांत चित्त और स्थिर योग से देखना अत्यंत लाभकारी है। यह अनेक बीमारियों को ठीक करने में सहायक है, क्योंकि सम्पूर्ण जीवन श्वास पर ही आधारित है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सही ढंग से श्वास लेना सीखना अत्यंत आवश्यक है। प्रवचन माला के प्रारंभ में तीर्थंकर स्तुति के साथ साध्वी कुसुमप्रभाजी ने प्रमाद और आलस्य को त्यागकर जीवन में धर्म अपनाने पर बल दिया।