शास्त्र सम्मत शिक्षा से बदल सकती है जीवन की दिशा एवं दशा : आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

शास्त्र सम्मत शिक्षा से बदल सकती है जीवन की दिशा एवं दशा : आचार्यश्री महाश्रमण

कोटा बाहर, 1 दिसंबर, 2021
जन कल्याण के लिए जनकल्याणी अहिंसा यात्रा में गतिमान आचार्यश्री महाश्रमण जी 15 किलोमीटर विहार कर शम्भुपुरा मोड़ पधारे। प्रवचन में आचार्यश्री महाश्रमण जी ने मंगल प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए फरमाया कि शास्त्रकार ने चार शिक्षात्मक निर्देश दिए हैं। साधना की द‍ृष्टि से ये बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं। व्यवहार की द‍ृष्टि से भी इनकी उपयोगिता है। पहला शिक्षा पद है कि बिना पूछे मत बोलो। बिना पूछे न बोलना कई संदर्भों में अलाभ से बचाने वाला हो सकता है। दूसरा शिक्षा पद हैतुमसे कोई बात पूछे तो झूठ मत बोलो। सही बात बताने का साहस नहीं है, तो मौन रहो। अपंडितों के लिए तो मौन आभूषण है। मूर्खों के लिए तो मौन अच्छा है ही पर ज्ञान होने पर भी मौन रहो। हर जगह बोलना जरूरी नहीं है। दूसरों के बारे में गलत न बोलें, यह एक प्रसंग से समझाया कि एक-दूसरे के बारे में मृषा बात न करें। तीसरी बात बताई है कि आदमी को कभी गुस्सा भी आ सकता है, गुस्से को अस्तित्वहीन बनाने का प्रयास करें। गुस्सा मन में आ जाए पर वाणी या भावों पर आने न दें। गुस्से को दीर्घ-श्‍वास से असफल करें। चौथी शिक्षा दी है कि प्रिय-अप्रिय को धारण करो। प्रियता-अप्रियता की स्थिति आ जाए तो उसे पी लो, बात को बाहर न आने दें। सुनी-सुनाई बातों पर विश्‍वास न करें। सत्य-असत्य हो सकता है। कोई निंदा भी करे तो गम खा जाओ। गम खाना, नम जाना अच्छा है। खुद की प्रशंसा करने का प्रयास न करें।
हर बात की प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए। तत्काल-जल्दबाजी में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। हर किसी को बिना पूछे सलाह नहीं देनी चाहिए नहीं तो फिर गलत हो सकता है, यह बयां और बंदर के प्रकरण से समझाया।
मौका देखकर सलाह देनी चाहिए। शास्त्रकार ने शिक्षाएँ दी हैं, हम इन्हें ग्रहण करें। एक-एक शिक्षा भी हमारे जीवन की दिशा को अच्छी बना सकती है। परिवर्तित कर सकती हैं और जीवन की दशा भी बदल सकती हैं।
गुरुदेव तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ जी प्रवचन किया करते थे। उनके प्रवचन से कितनों का जीवन बदला होगा। कल्याणी वाणी सुनने से भी किसी को कल्याण का पथ प्राप्त हो सकता है। हम अपने जीवन में अच्छी शिक्षाओं को जितना संभव हो सके, आत्मसात करने का प्रयास करें। यह कल्याणकारी हो सकता है।