मुझे महावीर बनना है कार्यशाला से जाना वीतरागता का लक्ष्य

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मुझे महावीर बनना है कार्यशाला से जाना वीतरागता का लक्ष्य

युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री उदितयशा जी ठाणा 4 के सान्निध्य में एवं अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के निर्देशन में तेरापंथ युवक परिषद् बेंगलुरु द्वारा भगवान महावीर के 2623वें जन्म कल्याणक महोत्सव के अवसर पर विशेष व्यक्तित्व विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया। अर्हत् वंदना के मंगल संगान के साथ शुरू हुई इस कार्यशाला में साध्वी भव्ययशा जी एवं साध्वी शिक्षाप्रभा जी ने थीम सॉन्ग 'मुझे महावीर बनना है' का सुमधुर संगान किया। भगवान महावीर की साधना का प्रारंभिक और अंतिम बिंदु जागरूकता है। हम उनकी देह ज्योति, शब्द ज्योति एवं आत्म ज्योति से प्रेरणा प्राप्त कर लक्ष्य की ओर गति करेंगे, अप्रमत्तता की साधना करेंगे तो हम भी एक दिन महावीर बन सकते हैं।
उपरोक्त विचार साध्वी उदितयशा जी ने कार्यशाला के संभागियों को प्रेरणा देते हुए व्यक्त किए। साध्वीश्री ने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य वीतरागता होना चाहिए फिर चाहे उसकी प्राप्ति में कितने ही जन्म लग जाए। साध्वी शिक्षाप्रभा जी ने साधना के प्रथम सोपान - ध्यान के अंतर्गत कायोत्सर्ग का विशेष प्रयोग करवाया एवं प्रतिदिन कम से कम 5 मिनट कायोत्सर्ग करने की प्रेरणा प्रदान की।
साध्वी भव्ययशा जी प्रैक्टिकल एक्सपेरिमेंट्स के माध्यम से समझाया कि इंसान का लक्ष्य बड़ा होना चाहिए। लक्ष्य बड़ा होगा तो छोटी- बड़ी सारी इच्छाएं उसमें स्वतः समाहित हो जाएंगी। आपने महावीर बनने के लिए महावीर के प्रिंसिपल्स नॉन वॉयलेंस (अहिंसा), नॉन पोसेसिवनेस (अपरिग्रह) एवं नॉन एब्सोल्यूटिज्म (अनेकांतवाद) को सरल भाषा में समझाकर उन्हें रियलिटी में जीने की प्रेरणा दी।
साध्वी संगीतप्रभा जी ने कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए उसकी सतत् स्मृति आवश्यक है। आपने महावीर बनने के रहस्यों को जानने के लिए आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी द्वारा रचित 'श्रमण महावीर' पुस्तक के स्वाध्याय करने की विशेष प्रेरणा प्रदान की। साध्वी भव्ययशा जी ने भगवान महावीर के जीवन से जुड़े कुछ रोमांचक प्रश्न पूछे जिसमें लगभग उपस्थित सभी ने भाग लिया। जिज्ञासा व समाधान सत्र में साध्वी उदितयशा जी ने जिज्ञासुओं को सरल भाषा में सटीक समाधान प्रदान किया। अभातेयुप प्रबुद्ध विचारक दिनेश पोकरणा ने मंगलकामना एवं कृतज्ञता के स्वर व्यक्त किए। तेयुप अध्यक्ष रजत बैद ने आभार ज्ञापन किया। कार्यशाला में पारमार्थिक शिक्षण संस्था के अध्यक्ष बजरंग जैन, महिला मंडल अध्यक्षा रिजु डूंगरवाल, संयोजक विमल धारीवाल, तेयुप पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं अनेकों श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। इससे पूर्व प्रातः काल जैन युवा संगठन द्वारा फ्रीडम पार्क में आयोजित जन्म कल्याणक समारोह में तेरापंथ युवक परिषद् बेंगलुरु द्वारा संचालित आचार्य तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर द्वारा हड्डी और मांशपेशियों की जाँच के लिए विशेष शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 150 लाभार्थियों ने चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त किया।