अक्षय शक्ति का कोष है प्रेक्षाध्यान
साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञा जी की प्रेरणा और निर्देशन में श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाउण्डेशन के तत्वावधान और उसकी इकाई प्रेक्षाध्यान स्वास्थ्य केंद्र की आयोजना में आयोजित अष्ट दिवसीय प्रेक्षाध्यान शिविर फलदायी सिद्ध हुआ। शिविर के समापन पर, प्रेक्षा-प्रवचन माला के अंतर्गत, साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञा जी ने उपसम्पदा के सूत्रों की विस्तृत व्याख्या की। शिविर समापन समारोह में उपस्थित शिविरार्थियों और धर्म परिषद को संबोधित करते हुए साध्वीश्री ने कहा कि आत्मदर्शन की दिशा में प्रस्थित होने के लिए शिविरार्थियों ने उत्साह दिखाया, पूरी जागरूकता के साथ साधना की, और आठ दिनों की यह आध्यात्मिक यात्रा अब अग्रिम संकल्प के साथ संपन्न हो रही है। प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित यह प्रथम शिविर कांदिवली के लिए सौभाग्य की बात है। डिजिटल डिटॉक्स की दृष्टि से यह शिविर प्रेरणादायक बना, जहाँ साधकों और साधिकाओं ने मोबाइल-मुक्त होकर साधना की। यह भी संयम चेतना का परिचायक है। साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि कल्पना जागती है, वैचारिक सृष्टि उत्पन्न होती है, और जब वह साकार होती है, तो मन प्रसन्न हो जाता है। परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी की कृपा से सारे कार्यक्रम निर्विघ्न संपन्न हो रहे हैं। मुंबई में इस प्रकार का आवासीय शिविर पहली बार आयोजित हुआ, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाउण्डेशन के अध्यक्ष मेघराज धाकड़ के औदार्य भाव और प्रेक्षा प्रशिक्षकों के समर्पण और श्रम से यह शिविर शिविरार्थियों के लिए एक वरदान साबित हुआ।
शिविरार्थियों के अनुभव सुनकर यह प्रतीत हुआ कि सभी ने तन्मयता से प्रयोग किए, और उन्हें उसका सकारात्मक परिणाम भी मिला। समापन समारोह का आरंभ प्रेक्षा प्रशिक्षकों द्वारा प्रेक्षा-गीत के संगान से हुआ। कई शिविरार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए शिविर को लाभकारी बताया। प्रेक्षाध्यान स्वास्थ्य केंद्र के डायरेक्टर, मुंबई सभा के उपाध्यक्ष दलपत बाबेल, प्रेक्षा फाउण्डेशन के चेयरमैन अशोक चंडालिया, सूरजमल दुगड़, उपासक प्रेक्षा प्रशिक्षक शांतिलाल कोठारी और वरिष्ठ प्रशिक्षक नेमी चंद जैन ने विचार व्यक्त किए। उन्होंने साध्वीश्री के निर्देशन में इस शिविर को अपूर्व बताया। शिविरार्थियों द्वारा प्रेक्षाध्यान योगा डेमो और प्रेक्षा पार्लर कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुति की गई। सभी ने सामूहिक संगान कर आगामी शिविर की मांग की। वरिष्ठ प्रशिक्षिका मीना साबद्रा और विमला दुगड़ ने नए अंदाज में आभार व्यक्त किया।
शिविर संयोजन में राजेश बैद का सक्रिय सहयोग रहा। प्रेक्षाध्यान स्वास्थ्य केंद्र की संयोजिका सायरा बैद ने शिविर की रिपोर्ट प्रस्तुत की। शिविर के संचालन में प्रेक्षाध्यान स्वास्थ्य केंद्र के कार्यकर्ता शांता बोहरा, विमला पटेल, परेश पटेल और तेरापंथी सभा कांदिवली के सदस्यों का सक्रिय सहयोग रहा। साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञा जी के निर्देशन में, साध्वी सुदर्शनप्रभा जी ने प्रेक्षा मंत्र साधना, साध्वी राजुलप्रभा जी ने प्रेक्षाध्यान सिद्धांत, साध्वी चैतन्यप्रभा जी ने प्रेक्षा थेरेपी, साध्वी अतुलयशा जी ने अनुप्रेक्षा, और साध्वी शौर्यप्रभा जी ने शरीर विज्ञान के प्रशिक्षण और प्रयोग करवाए। वरिष्ठ प्रशिक्षक पारस दुगड़, मीना साबद्रा, सायरा बैद और विमला दुगड़, तथा शांतिलाल कोठारी ने कायोत्सर्ग, आसन, प्राणायाम और यौगिक क्रियाएं करवाईं। सभी शिविरार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। समापन समारोह का कुशल मंच संचालन प्रेक्षा प्रशिक्षक उपासक पारस दुगड़ ने किया।