बाह्य आँखों का महत्त्व है तो भीतरी आँख और भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। साधक को उस आँख के द्वारा स्वयं को देखने का अभ्यास करना चाहिए।
- आचार्य श्री भिक्षु महाराज
गुरुवाणी/ केन्द्र
सेवा की भावना हमारे धर्मसंघ के लिए मंगलकारी-कल्याणकारी है : आचार्यश्री महाश्रमण
बीदासर, 5 फरवरी, 2022
14 Feb - 20 Feb 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
जिसका मन धर्म में रमा हो उसे देवता भी नमस्कार करते हैं : आचार्यश्री महाश्रमण
बीदासर, 4 फरवरी, 2022
14 Feb - 20 Feb 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
दुर्लभ मनुष्य जीवन को अपने सद्आचरण से सुफल बनाएँ : आचार्यश्री महाश्रमण
बीदासर बाहर, 3 फरवरी, 2022
14 Feb - 20 Feb 2022
संस्थाएं
दृश्यांकन एवं भाषण प्रतियोगिता कार्यशाला का आयोजन
डी0वी0 कॉलोनी, हैदराबाद
14 Feb - 20 Feb 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
राग के समान दु:ख नहीं और त्याग के समान सुख नहीं : आचार्यश्री महाश्रमण
सुजानगढ़, 1 फरवरी, 2022
14 Feb - 20 Feb 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
धर्मसंघ में विनय के भाव सुरक्षित रहें, वर्द्धमान रहे : आचार्यश्री महाश्रमण
बीदासर, 6 फरवरी, 2022
14 Feb - 20 Feb 2022