भविष्य में होने वाले दुःख को दृष्टि से ओझल कर वर्तमान सुख को खोजने वाले मनुष्य आयुष्य और यौवन के क्षीण होने पर परिताप करते हैं।

- आचार्य श्री भिक्षु महाराज

स्वाध्याय

श्रमण महावीर

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

13 May - 19 May 2024

श्रमण महावीर

स्वाध्याय

संबोधि

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

13 May - 19 May 2024

संबोधि

रचनाएं

ज्योतिचरण तेरी किरणों ने

साध्वी डॉ. योगक्षेमप्रभा

13 May - 19 May 2024

ज्योतिचरण तेरी किरणों ने

रचनाएं

वीतराग कल्पगणिवर

साध्वी विनम्रयशा

13 May - 19 May 2024

 वीतराग कल्पगणिवर

रचनाएं

वीतराग कल्पगणिवर

साध्वी विनम्रयशा

13 May - 19 May 2024

वीतराग कल्पगणिवर

रचनाएं

क्या आप महाश्रमण बनना चाहते हैं?

साध्वी शशिप्रभा रोल न. 1573 अमृतायन, जैन विश्व भारती, लाडनूं

13 May - 19 May 2024

क्या आप महाश्रमण  बनना चाहते हैं?

रचनाएं

दायित्व है कर्तृत्व का विस्तार

साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभा

13 May - 19 May 2024

दायित्व है कर्तृत्व का विस्तार
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