एक चक्षु है और उसे धर्म कहा गया है। अविवेकपूर्वक किया गया कार्य अनर्थकारी हो सकता है।
- आचार्य श्री भिक्षु महाराज
गुरुवाणी/ केन्द्र
स्वेच्छा से सर्वस्व का त्याग साधु की सबसे बड़ी संपत्ति : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 27 अक्टूबर, 2021
08 Nov - 14 Nov 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
वित्त अर्जन में वृत्त अच्छा होना चाहिए : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 31 अक्टूबर, 2021
08 Nov - 14 Nov 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
व्यक्ति का चिंतन जीवन की दिशा तय करता है : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 28 अक्टूबर, 2021
08 Nov - 14 Nov 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
सत्य की खोज के लिए अनाग्रह की चेतना अपेक्षित : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 26 अक्टूबर, 2021
08 Nov - 14 Nov 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
त्याग की मूल कसौटी है भीतर से त्याग करना : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 24 अक्टूबर, 2021
08 Nov - 14 Nov 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
व्यक्ति को अहिंसा, संयम और तप के पथ पर गतिमान रहना चाहिए : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 29 अक्टूबर, 2021
08 Nov - 14 Nov 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
अपनी आत्मा को जीतने वाला परम विजयी होता है : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 25 अक्टूबर, 2021
08 Nov - 14 Nov 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
भवसागर को पार करने के लिए सम्यक् ज्ञान एवं सम्यक् दृष्टि आवश्यक : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 30 अक्टूबर, 2021
08 Nov - 14 Nov 2021