जो स्वजनों के प्रेम को घटाता है, जीवन की दुर्गति करता है, अचिन्तित अनर्थ पैदा करता है, ऐसे धन को धिक्कार।
- आचार्य श्री भिक्षु महाराज
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गुरुवाणी/ केन्द्र
संयम का सुख है देवलोक के सुख से भी बढ़कर : आचार्यश्री महाश्रमण
03 November - 09 November 2025
गुरुवाणी/ केन्द्र
प्रतिकूल और अनुकूल परिस्थिति में समता का भाव है साधना : आचार्यश्री महाश्रमण
03 November - 09 November 2025
गुरुवाणी/ केन्द्र
विनीत, आत्मानुशासी, सुश्रृंखल बन जीवन में कठिनाइयों का करें सामना : आचार्यश्री महाश्रमण
03 November - 09 November 2025
गुरुवाणी/ केन्द्र
भय की स्थिति में भी रहे अभय का भाव : आचार्यश्री महाश्रमण
03 November - 09 November 2025
गुरुवाणी/ केन्द्र
मनोज्ञ और अमनोज्ञ दोनों शब्दों को सहन करे साधु : आचार्यश्री महाश्रमण
03 November - 09 November 2025
गुरुवाणी/ केन्द्र
गतिशील ही प्राप्त कर सकता है गंतव्य : आचार्यश्री महाश्रमण
03 November - 09 November 2025
गुरुवाणी/ केन्द्र
भगवान महावीर से सीखें सहिष्णुता : आचार्यश्री महाश्रमण
03 November - 09 November 2025
संस्थाएं
खुशहाल दाम्पत्य जीवन के रहस्य पर कार्यशाला का आयोजन
03 November - 09 November 2025
संस्थाएं
ऋतु परिवर्तन का प्रतीक है शरद पूर्णिमा का चांद
03 November - 09 November 2025
संस्थाएं
समाज में उल्लेखनीय योगदान के लिए मिला जैन समाज रत्न पुरस्कार
03 November - 09 November 2025
संस्थाएं
ज्ञानशाला विकास में प्रशिक्षिकाओं की होती है अहम भूमिका
03 November - 09 November 2025
संस्थाएं
जैन विद्या परीक्षा ऑनलाइन एवं ऑफलाइन उत्साह से संपन्न
03 November - 09 November 2025
संस्थाएं
जैन विद्या प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन
03 November - 09 November 2025
संस्थाएं
‘कैसे हो पारिवारिक सामंजस्य’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन
03 November - 09 November 2025