शारदीय पूर्णिमा अनुष्ठान का  हुआ आयोजन

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किलपॉक, चेन्नई I

शारदीय पूर्णिमा अनुष्ठान का हुआ आयोजन

श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, किलपॉक द्वारा मुनि मोहजीत कुमार जी के सान्निध्य में शारदीय पूर्णिमा अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इस अनुष्ठान में उपस्थित साधकों ने मुनि जयेश कुमार जी के समुच्चारण के साथ जैन स्तोत्रों में निहित चंद्र संदर्भ के अनेक विशिष्ट श्लोकों का सामूहिक संगान किया। मुनि मोहजीत कुमार जी ने शरद पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए चंद्रमा की महिमा का विस्तृत वर्णन किया। उन्होंने विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए उपयोगी चंद्र मंत्रों का भी विवेचन किया। इस अवसर पर मुनि जयेश कुमार जी ने कहा कि शरद पूर्णिमा का पर्व केवल धार्मिक उत्सव ही नहीं, बल्कि प्रकृति की स्वच्छता और सकारात्मकता का प्रतीक भी है। वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद इस दिन आकाश निर्मल होता है और वातावरण विषाक्तता से मुक्त रहता है, जिससे यह रात्रि आध्यात्मिक साधना के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है। इसी कारण इस रात्रि को अमृतमयी कहा गया है। उन्होंने जैन स्तोत्रों में चंद्रमा के लिए प्रयुक्त विभिन्न पर्यायवाची नामों और उनके विशिष्ट गुणधर्मों की सारगर्भित व्याख्या प्रस्तुत की। अनुष्ठान के अंत में साधकों ने मंत्रों के समुच्चारण के साथ श्वेत रंग की पवित्र अनुप्रेक्षा कर अलौकिक शांति और शीतलता की अनुभूति की।