समझे बिना जो सिद्धांत की प्ररूपणा करता है वह उस मूर्ख के समान है जो पीपल को रस्से से बांध घर ले जाना चाहता है।

- आचार्य श्री भिक्षु महाराज

स्वाध्याय

संबोधि

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

13 January - 19 January 2025

संबोधि

स्वाध्याय

श्रमण महावीर

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

13 January - 19 January 2025

श्रमण महावीर

स्वाध्याय

धर्म है उत्कृष्ट मंगल

-आचार्यश्री महाश्रमण

13 January - 19 January 2025

धर्म है उत्कृष्ट मंगल
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