गलियार गधो घोड़ो अविनीत ते, कुट्यां बिन आगो न चाले। ज्यूं अविनीत नें काम भलावियां, कह्यां नीठ नीठ पार घाले।। - आचार्य श्री भिक्षु

- आचार्य श्री भिक्षु महाराज

स्वाध्याय

धर्म है उत्कृष्ट मंगल

-आचार्यश्री महाश्रमण

04 November - 10 November 2024

धर्म है उत्कृष्ट मंगल

स्वाध्याय

श्रमण महावीर

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

04 November - 10 November 2024

श्रमण महावीर

स्वाध्याय

संबोधि

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

04 November - 10 November 2024

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