आध्यात्मिक वैज्ञानिक जीवन का निर्माण करता है जीवन विज्ञान
आचार्यश्री महाश्रमणजली की विदुषी सुशिष्या डॉ. साध्वी परमयशाजी की सहवर्ती साध्वी विनम्रयशाजी एवं साध्वी कुमुदप्रभाजी के सान्निध्य में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत जीवन विज्ञान दिवस का कार्यक्रम दिगंबर जैन बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में समायोजित हुआ। साध्वी विनम्रयशाजी ने विद्यार्थियों को उद्बोधित करते हुए कहा कि अनुशासन जीवन विकास का सोपान है, सुखी जीवन की चाबी है, सफलता पाने का फार्मूला है। जीवन विज्ञान जीने की कला सिखाता है, आध्यत्मिक वैज्ञानिक जीवन का निर्माण करता है। बच्चे एकलव्य जैसे गुरु निष्ठ बनें, श्रवण कुमार जैसे माता-पिता के भक्त बनें, अर्जुन जैसे एकाग्र बनें, मोबाइल में समय न खोयें। यही उत्तम से सर्वोत्तम बनने का समय है। साध्वी कुमुदप्रभाजी ने कहा कि अच्छी जीवनशैली जीने के लिए 'कम खाना, गम खाना और नम जाना' ये तीन बातें जो अपने जीवन में अपनाता है वो सफलता के शिखरों पर चढ़ता है।