बाह्य आँखों का महत्त्व है तो भीतरी आँख और भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। साधक को उस आँख के द्वारा स्वयं को देखने का अभ्यास करना चाहिए।
- आचार्य श्री भिक्षु महाराज
गुरुवाणी/ केन्द्र
योग्य गुरु का मिलना शिष्य के लिए सौभाग्य की बात होती है : आचार्यश्री महाश्रमण
जैन विश्व भारती, 24 जनवरी, 2022
31 Jan - 06 Feb 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
मोक्ष की साधना के लिए नौ तत्त्वों का ज्ञान अपेक्षित : आचार्यश्री महाश्रमण
जैन विश्व भारती, 19 जनवरी, 2022
31 Jan - 06 Feb 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
जैन दर्शन के सिद्धांत जैन दर्शन के स्तंभ के समान : आचार्यश्री महाश्रमण
जैन विश्व भारती, 21 जनवरी, 2022
31 Jan - 06 Feb 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
साधु के उपदेश से नैतिकता का जागरण हो सकता है : आचार्यश्री महाश्रमण
जैन विश्व भारती, 17 जनवरी, 2022
31 Jan - 06 Feb 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
समता की साधना से स्वयं को विप्रसन्न बना सकते हैं : आचार्यश्री महाश्रमण
जैन विश्व भारती, 20 जनवरी, 2022
31 Jan - 06 Feb 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
आचार्य भारमल जी तेरापंथ धर्मसंघ के द्वितीय ही नहीं अपितु अद्वितीय आचार्य थे : आचार्यश्री महाश्रमण
जैन विश्व भारती, 23 जनवरी, 2022
31 Jan - 06 Feb 2022