बाह्य आँखों का महत्त्व है तो भीतरी आँख और भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। साधक को उस आँख के द्वारा स्वयं को देखने का अभ्यास करना चाहिए।
- आचार्य श्री भिक्षु महाराज
गुरुवाणी/ केन्द्र
कामधेनू स्वरूपी जैन विश्व भारती तेरापंथ समाज के भाग्योदय का प्रतीक है : आचार्यश्री महाश्रमण
लाडनूं, 15 जनवरी, 2022
24 Jan - 30 Jan 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
जहाँ योग होता है वहाँ नियोग भी होता है : आचार्यश्री महाश्रमण
दौलतपुरा, 12 जनवरी, 2022
24 Jan - 30 Jan 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
आत्म-निग्रह दु:खमुक्ति का उपाय है : आचार्यश्री महाश्रमण
सिंघाना, 14 जनवरी, 2022
24 Jan - 30 Jan 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
त्याग और संयममय जीवन से दुख मुक्त हो सकते हैं : आचार्यश्री महाश्रमण
मौलासर, 11 जनवरी, 2022
24 Jan - 30 Jan 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
सेवा एवं सहयोग में निस्वार्थता का भाव रहना चाहिए : आचार्यश्री महाश्रमण
आनंदपुरा, 10 जनवरी, 2022
24 Jan - 30 Jan 2022
रचनाएं
साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य म
साध्वी अनुप्रेक्षाश्री
24 Jan - 30 Jan 2022
रचनाएं
धर्मसंघ की अप्रतिम साध्वीप्रमुखा है - साध्वीश्री कनकप्रभाजी
मुनि चैतन्य कुमार ‘अमन’
24 Jan - 30 Jan 2022
रचनाएं
अद्वितीय समर्पण के प्रेरक एवं पर्याय पुरुष आचार्यश्री भारमलजी
मुनि चैतन्य कुमार ‘अमन’
24 Jan - 30 Jan 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
व्यक्ति आकृति से नहीं आचरण से महान बनता है : आचार्यश्री महाश्रमण
डीडवाना, 13 जनवरी, 2022
24 Jan - 30 Jan 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
मैत्री की चेतना के विकास से हो सकता है अनेक समस्याओं का समाधान : आचार्यश्री महाश्रमण
जैन विश्व भारती, 16 जनवरी, 2022
24 Jan - 30 Jan 2022