महाश्रमणीजी असाधारण

महाश्रमणीजी असाधारण

साध्वी कुमुदप्रभा 

दिव्य विभूति है, पावन मूर्ति है, ममता भरी सूरत है
असाधारण महाश्रमणीजी, महाश्रमणीजी असाधारण

ज्ञान की ज्योति का अनुपम झरना
तुलसी विभु की दिव्य द‍ृष्टि से सफल बना हर सपना
पौरुष जीवन प्राण वैदुष्य का वरदान
स्वर्णिम आभा हो---
असाधारण महाश्रमणीजी महाश्रमणीजी असाधारण॥

अनासक्‍त चेतना मन को लुभाएँ
अनुशासन के पेमानों से प्रगति शिखर को पाएँ
कवि लेखक वक्‍ता है कार्य में निस्पृहता है
पूर्ण समर्पित हो---
असाधारण महाश्रमणीजी, महाश्रमणीजी असाधारण॥

वत्सलता की छाया मनहर
ध्रुवयोगों से सींचा उपवन सति शेखरे सुखकर
संघ धरोहर है आचार मनोहर है
मधुरिम भाषी हो---
असाधारण महाश्रमणीजी, महाश्रमणीजी असाधारण॥

लय : तूं कितनी अच्छी है---