व्यक्ति अनावश्यक बोलने से बचे। कब बोलना व कब मौन रखना सापेक्ष बात है। कब, कहाँ व कैसे बोलना इसका विवेक अपेक्षित है।
- आचार्य श्री भिक्षु महाराज
गुरुवाणी/ केन्द्र
राग और द्वेष होते हैं पाप कर्म के मूल कारण : आचार्यश्री महाश्रमण
कापरेन, 6 दिसंबर, 2021
13 Dec - 19 Dec 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
प्रतिभा, पुरुषार्थ और सुयोग्य शिक्षक से विद्यार्थी का समुचित विकास होता है : आचार्यश्री महाश्रमण
कोटा, 3 दिसंबर, 2021
13 Dec - 19 Dec 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
स्वाद और विवाद में संयम रखने से हो सकता है आत्मकल्याण : आचार्यश्री महाश्रमण
कोटा, 2 दिसंबर, 2021
13 Dec - 19 Dec 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
महापुरुषों की कल्याणी वाणी से पथ प्रशस्त हो सकता है : आचार्यश्री महाश्रमण
करोंदी, 30 नवंबर, 2021
13 Dec - 19 Dec 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
शास्त्र सम्मत शिक्षा से बदल सकती है जीवन की दिशा एवं दशा : आचार्यश्री महाश्रमण
कोटा बाहर, 1 दिसंबर, 2021
13 Dec - 19 Dec 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
प्रवृत्ति करने के तीन साधन-शरीर, वाणी और मन : आचार्यश्री महाश्रमण
बिजौलिया, 28 नवंबर, 2021
13 Dec - 19 Dec 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
जो सोता है वह खोता है : आचार्यश्री महाश्रमण
डाबी, 29 नवंबर, 2021
13 Dec - 19 Dec 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
धर्म साधना से संसार समुद्र तरने का प्रयास करें : आचार्यश्री महाश्रमण
अरनेठा, 5 दिसंबर, 2021
13 Dec - 19 Dec 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
साधु की संगति पाप को हरने वाली होती है : आचार्यश्री महाश्रमण
गामच, 4 दिसंबर, 2021
13 Dec - 19 Dec 2021