अध्यात्म लक्ष्मी से संपन्‍न बनें

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अध्यात्म लक्ष्मी से संपन्‍न बनें

मदुरै
अभातेममं के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल के तत्त्वावधान में मुनि अर्हत कुमार जी के सान्‍निध्य में रूपांतरण एक्सप्रेसश्री संपन्‍नोहं स्याम कार्यशाला का आयोजन किया गया। नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। अध्यक्षा नयना पारख ने सभी का स्वागत किया। मुनि अर्हत कुमार जी ने कहा कि हर व्यक्‍ति को अध्यात्मालक्ष्मी से संपन्‍न बनना चाहिए। लक्ष्मी दो प्रकार की होती हैभौतिक और आध्यात्मिक। भौतिक लक्ष्मी से सुख-सुविधा संसाधन प्राप्त किए जा सकते हैं, पर मोक्ष महल में प्रवेश करने के लिए अध्यात्म लक्ष्मी आवश्यक है। अध्यात्म लक्ष्मी को पाने के लिए हमें जीवन में चार-एल को अपनाना पड़ेगा।
(1) ‘लाइटिंग’ अर्थात् जीवन को प्रकाशमान बनाएँ। (2) ‘लर्निंग’ जीवन में हमेशा कुछ नया सीखते रहें, जहाँ से जो भी ज्ञान मिले उसे प्राप्त करने का प्रयास करें। (3) ‘लविंग’ जीवन में सबसे स्नेहपूर्ण और प्रेम भरा व्यवहार रखें, जिससे आपका जीवन मधुर बन सके। (4) लाफिंग’ हमेशा मुस्कराते रहें, हर परिस्थिति में चेहरे पर मुस्कुराहट बनाए रखें।