बाह्य आँखों का महत्त्व है तो भीतरी आँख और भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। साधक को उस आँख के द्वारा स्वयं को देखने का अभ्यास करना चाहिए।

- आचार्य श्री भिक्षु महाराज

रचनाएं

साँसों का इकतारा

साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा

02 Aug - 08 Aug 2021

साँसों का इकतारा

स्वाध्याय

संबोधि

आचार्य महाप्रज्ञ

02 Aug - 08 Aug 2021

संबोधि

स्वाध्याय

उपासना

आचार्य शय्यंभव

02 Aug - 08 Aug 2021

उपासना

स्वाध्याय

उपासना

आचार्य यशोभद्र

02 Aug - 08 Aug 2021

उपासना

स्वाध्याय

अवबोध

मंत्री मुनि सुमेरमल ‘लाडनूं’

02 Aug - 08 Aug 2021

अवबोध
PDF