भविष्य में होने वाले दुःख को दृष्टि से ओझल कर वर्तमान सुख को खोजने वाले मनुष्य आयुष्य और यौवन के क्षीण होने पर परिताप करते हैं।

- आचार्य श्री भिक्षु महाराज

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दीक्षार्थी बहन का अभिनंदन

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08 August - 14 August

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साँसों का इकतारा

साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा

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चातुर्मासिक प्रवेश

पूर्वांचल-कोलकाता।

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