चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के आयोजन
चेन्नई
मुनि सुधाकर जी एवं मुनि नरेश कुमार जी का तेरापंथ नगर, माधावरम, चेन्नई में चातुर्मासिक मंगलप्रवेश हुआ। मुनि सुधाकर जी ने कहा कि चातुर्मास आत्म आराधना का समय है, तपोः साधना का समय है, जीवन को उर्द्धवगामी बनाने का समय है। मुनिश्री ने आगे कहा कि चातुर्मास के अवसर को सफल बनाने के लिए प्रत्याख्यान, मन, वचन, काया की त्रिगुप्ती साधना में सलक्ष्य, संलग्न बनना चाहिए। तपस्या की साधना में आरोहण करना चाहिए। चातुर्मास की रीढ़ होता है-प्रवचन। अतः सभी को यथायोग्य नियमित प्रवचन श्रवण का लाभ लेना चाहिए।
इससे पूर्व प्रमीला टिम्बर से अहिंसा रैली के रूप में मुनिश्री का चातुर्मास्य प्रवेश हुआ। तेयुप के निर्देशन में चल रही रैली में आगे-आगे तेयुप और किशोर मंडल के साथी जय उद्घोषित को गुंजायमान करते हुए चल रहे थे। तेममं एवं कन्या मंडल की बहनें मंगलगान के साथ अहिंसा रैली को मंगलमय बना रही थी। इस अवसर पर तेरापंथ ट्रस्ट बोर्ड के नवीन कक्ष का लोकार्पण मुनिश्री के मंगल मंत्रोच्चार के साथ, विसर्जनकर्ता सुश्रावक सुकनराज कोठारी परिवार ने किया। तेरापंथी सभा, चेन्नई के अध्यक्ष उगमराज सांड, महिला मंडल अध्यक्षा पुष्पा हिरण, तेयुप के अध्यक्ष विकास कोठारी सहित सभा-संस्थाओं के पदाधिकारीगण एवं सदस्यों की उपस्थिति रही। इस अवसर पर ट्रस्ट बोर्ड ने विशिष्ट दानदाताओं, अतिथियों का सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन सुरेश रांका ने किया एवं आभार ज्ञापन ट्रस्ट बोर्ड के कोषाध्यक्ष गौतमचंद समदड़िया ने किया।