नम्र, क्षमाशील, अपने आराध्य के प्रति दीन और सबके प्रति आदर का भाव रखने वाला व्यक्ति बड़प्पन को प्राप्त हो जाता है।
- आचार्य श्री भिक्षु महाराज
गुरुवाणी/ केन्द्र
निज पर अनुशासन करना दूसरों पर अनुशासन करने की अर्हता : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 1 अक्टूबर, 2021
11 Oct - 17 Oct 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
मोक्ष की साधना के लिए सम्यक्त्व युक्त चारित्र आवश्यक : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 29 सितंबर, 2021
11 Oct - 17 Oct 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
कषाय मुक्तता से होता है मोक्ष का मार्ग प्रशस्त : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 27 सितंबर, 2021
11 Oct - 17 Oct 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
सब गतियों में सर्वश्रेष्ठ है मनुष्य गति : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 26 सितंबर, 2021
11 Oct - 17 Oct 2021
संस्थाएं
तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम का त्रिदिवसीय ग्लोबल कनेक्ट कॉन्क्लेव संपन्न
उदयपुर
11 Oct - 17 Oct 2021
संस्थाएं
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल का 46वाँ वार्षिक अधिवेशन ‘समर्पिता’ का आयोजन
भीलवाड़ा
11 Oct - 17 Oct 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
प्रेक्षाध्यान आत्मा और शरीर दोनों के विकास में लाभदायी : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 30 सितंबर, 2021
11 Oct - 17 Oct 2021
गुरुवाणी/ केन्द्र
साधना के क्षेत्र में तपस्या आभूषण के समान : आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा, 28 सितंबर, 2021
11 Oct - 17 Oct 2021