कालूगणी निर्वाण दिवस

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कालूगणी निर्वाण दिवस

गांधीनगर
साध्वी लावण्यश्री जी के सान्‍निध्य में तेरापंथ के अष्टमाचार्य श्री कालूगणी जी का निर्वाण दिवस मनाया गया। साध्वीश्री जी ने कहा कि तेरापंथ की विलक्षण आचार्य परंपरा की शृंखला में एक अलौकिक आचार्य के रूप में अष्टमाचार्य कालूगणी का नाम भी इतिहास के सुनहरे पृष्ठों में अमर बन गया। संवत्सरी महापर्व के पश्‍चात भाद्रव शुक्ला षष्टी को एक छोटे से व्रत ने काल कवलित कर दिया। श्री कालूगणी की ‘समता की पराकाष्ठा’ को देखकर संपूर्ण धर्मसंघ आश्‍चर्यचकित था। उनके देवलोक होने के पश्‍चात मात्र 22 वर्ष के युवा संत श्री तुलसी को तेरापंथ की बागडोर संभालने का महनीय दायित्व दिया।
तप की अनुमोदना में साध्वी सिद्धांतश्री जी, साध्वी दर्शितप्रभा जी ने गीत की प्रस्तुति दी। तेरापंथ महिला मंडल की मंत्री सरस्वती बाफना, तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुरेश दक, सूरत से समागत युवा उपासक विशाल पारीख ने विचार व्यक्‍त किए। सभा उपाध्यक्ष अभयराज कोठारी, विशाल पारीख का परिचय दिया। चौरड़िया परिवार की बहनों ने तप अनुमोदना गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी दर्शितप्रभा जी ने किया।