ते धीरा बंधणुम्मुक्का, णावकंखंति जीवियं। जो कामभोगमय जीवन की आकांक्षा नहीं करते वे धीर पुरुष बंधन से मुक्त हो जाते हैं।

- आचार्य श्री भिक्षु महाराज

स्वाध्याय

श्रमण महावीर

आचार्य महाप्रज्ञ

22 January - 28 January 2024

श्रमण महावीर

स्वाध्याय

संबोधि

आचार्य महाप्रज्ञ

22 January - 28 January 2024

संबोधि

विविध

नामकरण संस्कार

अमराईवाडी-ओढव।

22 January - 28 January 2024

नामकरण संस्कार
जैन पंचांग