भगवान महावीर के 2550वाँ निर्वाण दिवस पर आयोजन
छोटी खाटू।
साध्वी संघप्रभा जी के सान्निध्य में भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण वर्ष के उपलक्ष्य में अभ्यर्थना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मंगलाचरण सुमन देवी सेठिया ने महावीर स्तुति से किया। साध्वी संघप्रभा जी ने कहा कि वीर वह होता है जो तीर तक पहुँचना जानता है। तीर वह होता है जो भव भव की पीर को मिटाना जानता है। पीर को मिटाने के लिए, जिन्होंने तोड़ी कर्मों की जंजीर, उनकी वाणी को सुन जाग उठे रोहिणेय जैसे चोर, अर्जुनमाली और शूलपाणी जैसे घोर हिंसक की तकदीर महावीर का दर्शन आत्म कर्तव्य का दर्शन है, जहाँ हर प्राणी अपने कर्मों के अनुसार सद्गति एवं दुर्गति का जिम्मेदार है। मंजु देवी एवं राजेंद्र फुलफगर ने कविता, मुक्तक के द्वारा अपने भाव प्रकट किए। गुलाब देवी वेद ने सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन साध्वी प्रांशुप्रभा जी ने किया। कार्यक्रम में साध्वी प्राज्ञप्रभा जी द्वारा सुमधुर गीतिका से वातावरण महावीरमय बना दिया। कार्यक्रम में श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति रही।