वितिगिंछसमावण्णा, पंथाणं व अकोविया। व्रण को अधिक खुजलाना ठीक नहीं है, क्योंकि उससे कठिनाई पैदा होती है।
- आचार्य श्री भिक्षु महाराज
गुरुवाणी/ केन्द्र
दुर्लभ मनुष्य जीवन में प्रमाद और पाप कर्म से बचें : आचार्यश्री महाश्रमण
लाहली (रोहतक), 3 अप्रैल, 2022
11 Apr - 17 Apr 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
नव विक्रम संवत् 2079 में ज्ञानार्जन का सलक्ष्य प्रयास करें : आचार्यश्री महाश्रमण
रोहतक, 2 अप्रैल, 2022
11 Apr - 17 Apr 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
अपने हाथों से आध्यात्मिक सेवा कर हाथों को पवित्र बनाएँ: आचार्यश्री महाश्रमण
खरावड़, 1 अप्रैल, 2022
11 Apr - 17 Apr 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
गुस्से को अस्तित्वहीन बनाने का प्रयास करें : आचार्यश्री महाश्रमण
सांपला, 31 मार्च, 2022
11 Apr - 17 Apr 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
समुद्ररूपी संसार को शरीर रूपी नौका से पार करने का प्रयास करें : आचार्यश्री महाश्रमण
बीआईटीएस कॉलेज, 4 अप्रैल, 2022
11 Apr - 17 Apr 2022
रचनाएं
एक दृढ़-तपस्विनी और गहन साधिका थी साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी
नरपत दुगड़ (संसारपक्षीय भांजा)
11 Apr - 17 Apr 2022
रचनाएं
असाधारण में साधारण और साधारण में असाधारण थी साध्वीप्रमुखाश्री
सृष्टि दुगड़
11 Apr - 17 Apr 2022
रचनाएं
मेरी यशोदा माँ थी साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी
शशि बोहरा (संसारपक्षीय भानजी, पटना)
11 Apr - 17 Apr 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
समय का सदुपयोग कर व्यक्ति महान बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है : आचार्यश्री महाश्रमण
नांगलोई, 29 मार्च, 2022
11 Apr - 17 Apr 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
हितकर और श्रेयस्कर का जीवन में समाचरण करें: आचार्यश्री महाश्रमण
बहादुरगढ़, 30 मार्च, 2022
11 Apr - 17 Apr 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
अर्थ और काम पर धर्म का अंकुश रहना चाहिए: आचार्यश्री महाश्रमण
कीर्तिनगर, दिल्ली, 28 मार्च, 2022
11 Apr - 17 Apr 2022