समय का सदुपयोग कर व्यक्ति महान बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है : आचार्यश्री महाश्रमण
नांगलोई, 29 मार्च, 2022
सरदारशहर के सपूत, दुगड़ कुल के सरताज आचार्यश्री महाश्रमण जी का आगामी 25 अप्रैल से 15 मई तक 21 दिवसीय प्रवास सरदारशहर में होने की संभावना है। सरदारशहर में पाँच विशेष कार्यक्रम पंचामृत के नाम से घोषित हैं, साथ में पूज्यप्रवर को पूरे धर्मसंघ द्वारा ‘युगप्रधान’ अलंकरण से भी नवाजा जाएगा।
इस हेतु सरदारशहर प्रवासी अपने जन्म भूमि के लाड़ले को अपनी जन्मभूमि में पधारने हेतु अर्ज करने आए हैं, ध्वज-स्थानांतरण के दायित्व को ग्रहण करने आए हैं। महामनीषी-महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमण जी ने इस अवसर पर मंगल पाथेय प्रदान करते हुए फरमाया कि शास्त्र में कहा गया है कि जैसे वृक्ष का पका हुआ फल रात्रियाँ बीतने पर गिर जाता है, इसी प्रकार मनुष्यों का जीवन है। वह भी एक दिन समाप्त हो जाता है। यह एक तथ्य-स्थिति शास्त्रकार ने बताई है।
इस स्थिति को जान लें कि जीवन समाप्त होता है, तो करें क्या? यह ध्यान दें। यह बात शास्त्रकार ने बताई कि ‘समयं गोयम् मा पमायए। गौतम को संबोधित कर मानो संदेश दिया गया है। हम सभी गौतम स्वामी के परिवार के लोग हैं। पर यह संदेश तो पूरी दुनिया के लिए है कि समय मात्र भी प्रमाद मत करो।
समय एक ऐसा तत्त्व है जो हमें बिलकुल मुफ्त में मिलता है। सबको मिलता है। समय समतावान है, किसी छोटे-बड़े में भेद नहीं रखता। जैसे मेघ बरसता है, तो पहाड़ हो या मैदान या समुद्र सर्वत्र गिर जाता है। कोई भेद-भाव नहीं।
कई बार फ्री में मिलने वाली वस्तु का मूल्यांकन कम हो सकता है। समय का हमें मूल्यांकन करना चाहिए। इसका हम उपयोग कैसे करें? तीन शब्द हैंµसदुपयोग, अनुपयोग और दुरुपयोग। जो आदमी अच्छा कार्य करता है, समय का सदुपयोग कर लेता है। एक आदमी आलस्य में ऐसे ही बैठा है, कुछ करता नहीं, यह समय का अनुपयोग हो जाता है। जो आदमी हिंसा-चोरी आदि गलत काम करता है, वह समय का दुरुपयोग हो जाता है।
समय मात्र भी प्रमाद मत करो,
इसका हम यह तात्पर्य निकाल सकते हैं कि समय का दुरुपयोग मत करो। अनुपयोग करना भी उत्तम बात नहीं, उसका सदुपयोग करो।
दुनिया में महान आदमी कौन होता है और तुच्छ आदमी कौन होता है। जो महान कार्य करता है, समय का बढ़िया उपयोग करता है, वह दुनिया का महान् और उत्तम व्यक्ति है। जो समय का दुरुपयोग करता है, वह दुनिया का घटिया आदमी होता है। यह एक कसौटी है। हम सब बढ़िया आदमी बनने का और रहने का प्रयास करें, यह काम्य है।
शास्त्रकार ने कहा कि मनुष्यों का जीवन सूखे पत्ते के समान होता है, गिर जाता है। हम लोग 6 मार्च को दिल्ली आए थे। आज 29 मार्च को दिल्ली के अंतिम दिन के प्रवास में हैं। इस दिल्ली प्रवास के बीच साध्वीप्रमुखा कनकप्रभाजी का महाप्रयाण भी हो गया। पके हुए पान का यह उदाहरण है। चतुर्मास की संपन्नता के पश्चात स्वास्थ्य में कुछ तकलीफ हुई। दिल्ली में स्पष्ट जानकारी मिल गई कि स्थिति चिंतनीय है। आदमी का जीवन नश्वर है। हमें इस नश्वरता को जानकर अविनश्वरता की ओर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।
आत्मा अविनश्वर है और शरीर नश्वर है। समय का सदुपयोग करना चाहिए। गृहस्थ को गार्हस्थ्य में रहते हुए व्यवस्था में निर्मलता रहे, यह समय का सदुपयोग है। कमाई करने का तरीका
अवैध न हो। कार्य के साथ पाप से विरत रहने का प्रयास करें। यह एक प्रसंग
से समझाया कि कार्य, धन और दैनंदन जीवन के साथ धर्म को भी जोड़ दें। कुछ समय भी आध्यात्मिक साधना के लिए लगाएँ। शनिवार की सामायिक कर
सकते हैं। नशामुक्त जीवन रहे। रात्रि भोजन से बचने का प्रयास करें। स्वाध्याय कर सकते हैं।
गृहस्थ अपनी दिनचर्या में से कुछ समय स्वयं के लिए निकालें। कई बार प्रकृति भी ऐसी स्थिति बना देती है कि टाइम दे देती है। किसी घटना के पीछे वृत्ति निहित होता है। हम हर स्थिति में समता-शांति में रहें। उन स्थितियों से हम सीख ले सकते हैं कि हम धर्म के लिए भी समय लगाने का प्रयास करें। समय मात्र भी गौतम प्रमाद मत करो।
आज नांगलोई आना हुआ। स्थानकवासी परंपरा के मुनिश्री से भी मिलना हो गया। आपकी अच्छी साधना, अच्छा स्वाध्याय चलता रहे।
पूज्यप्रवर का आज स्थानक में प्रवास हो रहा है। स्थानकवासी संत मुनि दिनेश कुमार जी ने पूज्यप्रवर के स्वागत में अपनी भावना अभिव्यक्त करते हुए कहा कि हमने तीर्थंकर को तो नहीं देखा पर तेरापंथ के आचार्यश्री महाश्रमण जी जब विचरते हैं, लगता है तीर्थंकर का विचरण हो रहा है। आज प्रातः आचार्यप्रवर विहार कर आचार्य भिक्षु हॉस्पिटल पधारे। स्थानीय विधायक शिवचरण गोयल ने आचार्यप्रवर का हॉस्पिटल में स्वागत किया। तत्पश्चात एस0एस0 जैन स्थानक पधारे जब श्रमण संघ के मुनि अमर जी एवं मुनि दिनेश कुमार जी ने आचार्यप्रवर का स्वागत किया।
पूज्यप्रवर के स्वागत में नांगलोई महिला मंडल अमित जैन (स्थानक से) दिगंबर समाज एवं अग्रवाल समाज, स्थानीय तेरापंथी सभा, ललिता जैन, राजीव जैन ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी।
दायित्व हस्तांतरण समारोह
दायित्व हस्तांतरण से पूर्व सरदारशहर के श्रावक-श्राविकाओं ने पूज्यप्रवर की अभिवंदना में समूह गीतिका प्रस्तुत की। सरदारशहरवासियों ने दिल्लीवासियों से ध्वज हस्तांतरण की रस्म निभाते हुए ध्वज ग्रहण किया। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।
पूज्यप्रवर ने मंगल पाथेय प्रदान करते हुए फरमाया कि दिल्ली में स्वल्प दिनों का प्रवास रहा। आगे सरदारशहर के प्रवास की ओर हम अभिमुख हो रहे हैं। सरदारशहर में आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के महाप्रयाण की तिथि आदि कई कार्यक्रम हैं। दिल्ली के लिए दायित्व पूरा करने व सरदारशहर के लिए दायित्व ग्रहण के लिए हमारा मंगलपाठ है।