जैसे कछुआ अपने अंगों को अपने शरीर में समेट लेता है, इसी प्रकार पंडित पुरुष अपनी आत्मा को पापों से बचा अध्यात्म में ले जाए।

- आचार्य श्री भिक्षु महाराज

स्वाध्याय

श्रमण महावीर

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

17 June - 23 June 2024

श्रमण महावीर

स्वाध्याय

श्रमण महावीर

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

17 June - 23 June 2024

श्रमण महावीर

विविध

नूतन प्रतिष्ठान

पीपरड़ा, राजसमन्द।

17 June - 23 June 2024

नूतन प्रतिष्ठान
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