मुनि निर्मल कुमारजी  के प्रति दो छंद

मुनि निर्मल कुमारजी के प्रति दो छंद

राजगढ़ के राजगढ़ में दीक्षित निर्मल संत,
तुलसी महाप्रज्ञवत महाश्रमण की कृपा अनंत।
महाश्रमण की कृपा अनंत, विजय राज मुनि के सहयोगी।
लंबे समय घोर वेदना समता से भोगी।
कांति मुनि की सेवा चर्या बना अनोखा ग्रंथ।
राजगढ़ के राजगढ़ में दीक्षित निर्मल संत।।
सरल स्वभावी साताकारी हलुकर्मी अणगार,
सेवा की व सेवा पाई दोनों एकाकार।
दोनों एकाकार कांति मुनि की हिम्मत भारी।
केन्द्र व्यवस्थापक कुशल मुनि रणजीत कुमार,
सेवाभावी साताकारी हलुकर्मी अणगार।
निर्मल मुनि की गौरव गाथा गाता कमल कुमार ।।