गलियार गधो घोड़ो मोल ले, खाडेती घणो दुख पावे। ज्यूं अविनीत ने दिख्यां दीयां पछें, पग-पग गुर पिछतावे।। - आचार्य श्री भिक्षु
गलियार गधो घोड़ो मोल ले, खाडेती घणो दुख पावे। ज्यूं अविनीत ने दिख्यां दीयां पछें, पग-पग गुर पिछतावे।।