आकाश ही फट जाए तो कारी कौन लगाए? जब गुरु सहित शिष्य बिगड़ जाए, चारों ओर छेद ही छेद, तब कौन सुधारे। - आचार्य श्री भिक्षु
आकाश ही फट जाए तो कारी कौन लगाए? जब गुरु सहित शिष्य बिगड़ जाए, चारों ओर छेद ही छेद, तब कौन सुधारे।
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