अपने मत की प्रशंसा करने वाले कहते हैं-अपने-अपने सांप्रदायिक अनुष्ठान में ही सिद्धि होती है, दूसरे प्रकार से नहीं होती।

- आचार्य श्री भिक्षु महाराज

स्वाध्याय

संबोधि

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

11 November - 17 November 2024

संबोधि

संस्थाएं

श्रमण महावीर

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

11 November - 17 November 2024

श्रमण महावीर

स्वाध्याय

धर्म है उत्कृष्ट मंगल

-आचार्यश्री महाश्रमण

11 November - 17 November 2024

धर्म है उत्कृष्ट मंगल
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