इतिहास के साथ जुड़ा है दीपावली का महापर्व
'शासनश्री' साध्वी सुव्रताजी ने भगवान महावीर के 2551वें परिनिर्वाण दिवस के संदर्भ में भावाभिव्यक्ति करते हुए कहा- इस भारत वसुन्धरा पर अनेकानेक ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पर्व खुशियों भरे माहौल में मनाये जाते हैं। उन पर्वों में एक पर्व है दीपावली पर्व। जिसके साथ अनेकानेक इतिहास जुड़े हुए हैं। इस दिन भगवान रामचन्द्र 14 वर्षों का वनवास समाप्त करके अयोध्या में आये थे। आपका राज्याभिषेक गुरु वशिष्ठ के हाथों से परिसंपन्न हुआ। श्रीकृष्ण का निधन आज के दिन हुआ था। जैनधर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर आज के दिन 16 प्रहर तक सतत देशना देते हुए परिनिर्वाण को प्राप्त हुए थे। इन सब घटनाओं के साथ इसका संबंध जुड़ा हुआ है। यह पर्व सब पर्वों में श्रेष्ठ माना जाता है। जनता शुभकामनाओं एवं शुभ भावनाओं के साथ इस पर्व को मनाये। इस अवसर पर समणी नियोजिका अमल प्रज्ञाजी, पूर्व समणी नियोजिका ऋजुप्रज्ञा जी एवं महरौली तेरापंथ भवन के व्यवस्थापक संदीप डूंगरवाल ने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की। अन्त में 'शासनश्री' साध्वी सुव्रताजी ने प्रभावी मंत्रों का समुच्चारण करते हुए वृहत् मंगल पाठ सुनाया।