दुष्ट प्रकृति वाला गधा या घोड़ा मार खाए बिना आगे नहीं चलता। अविनीत को कोई काम सौंपो, वह कहने पर भी बड़ी मुश्किल से उसे पूरा करता है।
- आचार्य श्री भिक्षु
दुष्ट प्रकृति वाला गधा या घोड़ा मार खाए बिना आगे नहीं चलता। अविनीत को कोई काम सौंपो, वह कहने पर भी बड़ी मुश्किल से उसे पूरा करता है।
- आचार्य श्री भिक्षु