अंकुश के बिना हाथी चल रहा है और लगाम के बिना घोड़ा चल रहा है। कुगुरु की चाल भी ऐसी ही है, वह साधु का नाम धराता है किन्तु संयम के बिना चल रहा है।

- आचार्य श्री भिक्षु महाराज

स्वाध्याय

श्रमण महावीर

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

04 August - 10 August

श्रमण महावीर

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संबोधि

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

04 August - 10 August

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भिक्षु का तेरापंथ

लक्ष्मीपत डूंगरवाल, हैदराबाद

04 August - 10 August

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चमत्कारी भिक्षु नाम

डा. समणी ज्योतिप्रज्ञा

04 August - 10 August

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बाट निहारा म्हें

साध्वी कुसुमलता

04 August - 10 August

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नामकरण संस्कार

गंगाशहर / मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया।

04 August - 10 August

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