
संस्थाएं
भक्तामर जप अनुष्ठान
हैदराबाद। युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या साध्वी डॉ. गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में भक्तामर जप अनुष्ठान का आयोजन अत्यंत श्रद्धा एवं सुनियोजित ढंग से संपन्न हुआ। इस जप अनुष्ठान में लगभग 250 श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लेकर आध्यात्मिक ऊर्जा से स्वयं को अभिभूत किया। साध्वीश्री ने भक्तामर जप अनुष्ठान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसका नियमित अभ्यास जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने संपूर्ण भक्तामर स्तोत्र की लयबद्ध एक माला का सामूहिक उच्चारण करवाया, साथ ही छठे, इक्कीसवें एवं अंतिम श्लोक का मंत्र एवं ऋद्धियों सहित 9-9 बार सामूहिक जप करवाया। उन्होंने बताया कि छठा श्लोक बुद्धि विकास हेतु, इक्कीसवां श्लोक विजय प्राप्ति के लिए तथा अंतिम श्लोक सर्वसिद्धिदायक माना जाता है। सभा के मंत्री हेमंत संचेती ने साध्वीश्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए समस्त श्रावक समाज के प्रति आभार प्रकट किया।