संयमी व्यक्ति धर्म में स्थित रहे। वह किसी भी इंद्रिय विषय में आसक्त न बने और आत्मा का संरक्षण करे। - आचार्य श्री भिक्षु
संयमी व्यक्ति धर्म में स्थित रहे। वह किसी भी इंद्रिय विषय में आसक्त न बने और आत्मा का संरक्षण करे।