अपने मत की प्रशंसा करने वाले कहते हैं- अपने-अपने सांप्रदायिक अनुष्ठान में ही सिद्धि होती है, दूसरे प्रकार से नहीं होती।

- आचार्य श्री भिक्षु महाराज

स्वाध्याय

धर्म है उत्कृष्ट मंगल

-आचार्यश्री महाश्रमण

8 April - 14 April 2024

धर्म है उत्कृष्ट मंगल

स्वाध्याय

श्रमण महावीर

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

8 April - 14 April 2024

श्रमण महावीर

स्वाध्याय

संबोधि

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

8 April - 14 April 2024

संबोधि
PDF