अणुव्रत के आचरण व अनुशीलन से स्वस्थ परिवार और स्वस्थ समाज का निर्माण संभव

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अणुव्रत के आचरण व अनुशीलन से स्वस्थ परिवार और स्वस्थ समाज का निर्माण संभव

जयपुर।

'शासन गौरव' बहुश्रुत साध्वी कनकश्रीजी के पावन सान्निध्य में अणुव्रत विश्व सोसायटी के तत्वावधान में अणुव्रत अमृत वर्ष सम्पूर्ति समारोह, अणुव्रत समिति जयपुर द्वारा आयाजित किया गया।अणुविभा केन्द्र के महाप्रज्ञ सभागार में अणुव्रत जीवन शैली विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र के पश्चात् तेरापंथ महिला मंडल जयपुर शहर की बहनों द्वारा अणुव्रत गीत के संगान से हुआ। साध्वीश्री ने संयमित जीवन शैली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अणुव्रत एक ऐसा अमृत कलश है जिसका पान कर हम शांतिमय वातावरण बना सकते हैं। आचार्यश्री तुलसी ने अपने गुरु की स्मृति में आज के दिन तीन महान प्रवृत्तियों - धर्म को जीवन के साथ जोड़ने के लिए अणुव्रत, साध्वी शिक्षा हेतु पारमार्थिक शिक्षण संस्था एवं साहित्य प्रकाशन हेतु आदर्श साहित्य संघ की प्रतिष्ठा कर विकास की अनवरत धारा प्रवाहित कर दी। मानवता संयमित, संतुलित व अनुशासित हो यह आज की बड़ी जरूरत है। आचार्यश्री महाश्रमणजी अणुव्रत की त्रिपदी- ‘सद्भावना, नैतिकता व नशामुक्ति द्वारा देश में अहिंसक क्रांति का सूत्रपात कर रहे हैं। इस अमृत वर्ष में आन्दोलन ने नई गति पकड़ी है। अणुव्रत के आचरण व अनुशीलन से स्वस्थ परिवार और स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है।
अणुव्रत इंटनेशनल काॅन्फ्रेंसे के कन्वीनर व आज के मुख्य प्रवक्ता डाॅ. सोहन लाल गांधी ने अणुव्रत के इतिहास व अणुव्रत जीवन शैली को सहज सरल शब्दों में समझाया। आपने कहा- आचार्यश्री तुलसी के पास दिव्य दृष्टि थी, उन्होंने अणुव्रत प्रस्तुत कर अशांत विश्व को शांति का संदेश दिया। अणुव्रत समिति जयपुर अध्यक्ष विमल गोलछा ने अणुव्रत आचार संहिता का वाचन किया तथा अणुव्रत अमृत वर्ष की विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराया। उन्होंने सभी का स्वागत करते हुए समाज की विभिन्न संस्थाओं के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। साध्वी मधुलता जी ने व्यंग्य कविता प्रस्तुत करते हुए वर्तमान जीवन की विसंगतियों पर प्रहार किया तथा अणुव्रत को युग-युग की जरूरत बताया। मंत्री डॉ. जयश्री सिद्ध व सौरभ जैन ने कार्यक्रम का सफल संयोजन किया। सुरेश बरड़िया ने आभार ज्ञापन किया, संजय बैद द्वारा अणुव्रत उद्घोष से कार्यक्रम संपन्न हुआ।