आदमी किसी भी देश, वेश व परिवेश में रहे, उसके मन में सच्चाई के प्रति सदैव सम्मान का भाव रहना चाहिए।
- आचार्य श्री भिक्षु महाराज
गुरुवाणी/ केन्द्र
मोह रूपी मूर्च्छा को तोड़ने के लिए अनित्यता का चिंतन कारगर होता है : आचार्यश्री महाश्रमण
कुचामन, 9 जनवरी, 2022
17 Jan - 23 Jan 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
ज्ञान और क्रिया में पूरकता आए तो लक्ष्य की प्राप्ति हो सकती है : आचार्यश्री महाश्रमण
नावां-कासेड़ा, 8 जनवरी, 2022
17 Jan - 23 Jan 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
झूठ बोलकर जीतना हारने के समान होता है : आचार्यश्री महाश्रमण
गोविंदी, 7 जनवरी, 2022
17 Jan - 23 Jan 2022
रचनाएं
समर्पण के सुमेरु गुरु-भक्त का नाम है - आचार्य भारीमालजी
साध्वी अणिमाश्री
17 Jan - 23 Jan 2022
संस्थाएं
प्रभु पार्श्व प्रणति तपोयज्ञ के अंतर्गत देशभर में हुए हजारों उपवास एवं सैकड़ों पौषध
जयपुर
17 Jan - 23 Jan 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
अध्यात्म की साधना में आत्मानुशासन जरूरी है : आचार्यश्री महाश्रमण
सिनोदिया, 6 जनवरी, 2022
17 Jan - 23 Jan 2022
गुरुवाणी/ केन्द्र
लोकतंत्र में अनुशासन का आलोक रहना चाहिए : आचार्यश्री महाश्रमण
जोबनेर, 5 जनवरी, 2022
17 Jan - 23 Jan 2022