अविनीत उणने छोटा नें छांदे चलावण तणी, ते पिण अकल नहीं घट मांय। बड़ा रे पिण छांदे चाल सकें नहीं, तिण अविनीत रा दु:ख मांहे दिन जाय।।

- आचार्य श्री भिक्षु

स्वाध्याय

धर्म है उत्कृष्ट मंगल

-आचार्यश्री महाश्रमण

14 October - 20 October 2024

धर्म है उत्कृष्ट मंगल

स्वाध्याय

श्रमण महावीर

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

14 October - 20 October 2024

श्रमण महावीर

स्वाध्याय

संबोधि

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

14 October - 20 October 2024

संबोधि
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