सिरियारी से संतों का मंगल प्रस्थान

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सिरियारी से संतों का मंगल प्रस्थान

कहा गया है कि संतों का प्रवास भी मंगल होता है व संतों का प्रस्थान भी मंगल होता है। 15 मास से कुछ अधिक का प्रवास सानन्द सम्पन्न कर मुनि आकाशकुमार जी व मुनि हितेन्द्रकुमार जी ने तथा मुनि रोहित कुमारजी व मुनि विनीत कुमारजी ने भी अहमदाबाद की ओर मंगल विहार किया। ‘शासनश्री’ मुनि मणिलालजी एवं ‘शासनश्री’ मुनि मुनिव्रतजी स्वामी के सान्निध्य में आयोजित मंगलभावना कार्यक्रम में मुनि धर्मेशकुमार जी, मुनि जय कुमारजी, मुनि गिरीश कुमारजी, मुनि मुदित कुमारजी ने चारों संतों के प्रति मंगल कामना व्यक्त की।
मुनिश्री मणिलालजी ने चारों संतों को खूब आशीर्वाद देते हुए कहा की इन्होंने मेरी खूब सेवा की व चित्त समाधि उपजाई। मुनिश्री ने आगे कहा कि दोनों संतों ने सिरियारी में खूब ठाठ लगाया- ओम भिक्षु का जाप, मासिक तेरस पर भक्ति संध्या, 12 व्रत, अणुव्रत के विविध आयोजन, स्कूलों में कार्यक्रम, नशा मुक्ति रैली, कला प्रदर्शनी, आदि अनेक उपक्रम प्रारंभ किये। मुनि विनीत कुमार जी ने चारों संतों की ओर से अपनी विचाराभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन मुनि गिरीश कुमारजी ने किया। कार्यक्रम में सिरियारी संस्थान के उपाध्यक्ष उत्तम सुकलेचा व मैनेजर महावीर जैन ने चारों संतों को भावभीनी विदाई देते हुए आगामी यात्रा की मंगल कामना व्यक्त की।