प्रेक्षाध्यान से पाएं शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक बीमारियों से मुक्ति
साध्वी जिनबाला जी के सान्निध्य में जोधपुर के पार्श्वनाथ सिटी में प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी प्राचीप्रभा जी द्वारा प्रेक्षाध्यान गीत के संगान से हुआ। साध्वी जिनबाला जी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि प्रेक्षाध्यान में अनेक प्रकार के प्रयोग बताये गए हैं जिनके माध्यम से व्यक्ति शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक बीमारियों से मुक्ति पा सकता है। व्यक्ति अगर बहुत ज्यादा दु:खी है तो उसका मुख्य कारण भावनात्मक बीमारी है।
साध्वीश्री ने प्रेक्षाध्यान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जब हमारा स्वरयंत्र चंचल होता है तब हमारा मन भी चंचल होता है। प्रेक्षाध्यान के माध्यम से हम अपनी अनेक कमजोरियों को दूर कर सकते है। साध्वी करूणाप्रभा जी ने श्वास लेने की सही प्रक्रिया का बोध देते हुए दीर्घश्वास के प्रयोग करवाए साथ ही विविध प्रकार की बीमारियों से निजात पाने के लिए विभिन्न मुद्राओं की जानकारी दी। साध्वी भव्यप्रभा जी ने सहिष्णुता की अनुप्रेक्षा के प्रयोग करवाये। कार्यक्रम में जैन व जैनेत्तर समाज की अच्छी उपस्थिति रही।