अणुव्रत अमृत महोत्सव सम्पूर्ति समारोह

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अणुव्रत अमृत महोत्सव सम्पूर्ति समारोह

अणुव्रत समिति हैदराबाद द्वारा अणुव्रत आंदोलन के गौरवशाली 75 वर्षों की संपूर्णता एवं अणुव्रत अमृत महोत्सव संपूर्ति के अवसर पर समापन समारोह का आयोजन लायंस भवन, पेराडाईज सर्किल, सिकंदराबाद में समिति अध्यक्ष प्रकाश एच भंडारी की अध्यक्षता में किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बाबुलाल बैद अध्यक्ष तेरापंथी सभा सिकंदराबाद उपस्थित थे। अणुव्रत समिति हैदराबाद के सदस्यों द्वारा अणुव्रत गीत के संगान व मंत्री रीटा सुराणा के अणुव्रत आचार संहिता के वाचन के साथ समारोह प्रारंभ हुआ। अणुव्रत समिति हैदराबाद के अध्यक्ष प्रकाश एच भंडारी ने अपने स्वागत वक्तव्य में पधारे हुए सभी महानुभावों व संस्थाओं के पदाधिकारियों का स्वागत व अभिनंदन किया। आपने आगे अणुव्रत आंदोलन की पृष्ठभूमि का विवरण देते हुए कहा हिरोशिमा व नागासाकी पर परमाणु बम के दुष्परिणाम व सन् 1947 के विभाजन की विभीषिका के परिणाम को देखते हुए गुरुदेव श्री तुलसी ने एक ऐसे मानव धर्म की कल्पना की जिसमें मानवीय मूल्यों की रक्षा के साथ सांप्रदायिक सौहार्द बनाया जा सके।
अणुव्रत आंदोलन को प्रारंभ करने में बोलारम क्षेत्र, हैदराबाद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पारस जैन व मिश्रीमल सुराणा एवं विजया सुराणा आंदोलन के मजबूत नींव के पत्थर हैं। मुख्य अतिथि बाबूलाल बैद ने कहा कि जहां आज हर तरफ मानवीय मूल्यों का ह्रास हो रहा है, वहीं अणुव्रत आंदोलन एक सूर्य किरण का कार्य कर रहा है। निवर्तमान अध्यक्ष विजय सुराणा, नीरज सुराणा व राजेन्द्र बोथरा ने अणुव्रत आंदोलन को सार्थक रुप प्रदान करने व इस आंदोलन को जन उपयोगी कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सभी की सक्रिय भागीदारी के साथ अणुव्रत समिति को और अधिक सक्रियता से कार्य करने पर बल दिया। इस अवसर पर अणुव्रत के कार्यक्रमों के प्रति समर्पित निष्ठावान कार्यकर्ता माणिक चंद रांका के साथ अतिथियों का सम्मान किया गया। अणुव्रत समिति हैदराबाद उपाध्यक्ष अनिल कातरेला ने धन्यवाद ज्ञापित किया। अणुव्रत अमृत महोत्सव समारोह के संयोजक व उपाध्यक्ष विजय आंचलिया ने कार्यक्रम का संचालन किया।