आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष, वर्षावास स्थापना एवं तेरापंथ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

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गांधीनगर, बेंगलुरु

आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष, वर्षावास स्थापना एवं तेरापंथ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

डॉ. मुनि पुलकित कुमारजी के सान्निध्य में आचार्य श्री भिक्षु की जन्म त्रिशताब्दी समारोह का शुभारंभ कार्यक्रम तेरापंथ भवन, गांधीनगर, बेंगलुरु में आयोजित हुआ। मुनिश्री ने आचार्य भिक्षु के जीवन की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि आचार्य श्री भिक्षु तेरापंथ धर्मसंघ के प्रथम आचार्य थे। उन्होंने धर्मसंघ में 'एक आचार्य, एक विचार और एक आचार' का सूत्र दिया। भिक्षु स्वामी ऐसे महापुरुष थे, जिनके जीवन की प्रत्येक घटना और प्रसंग सत्य के प्रति समर्पण, सहिष्णुता और उदारता का उत्कृष्ट उदाहरण है। मुनिश्री ने आगे कहा कि आचार्य भिक्षु के जीवन में समता का भाव विशेष रूप से विद्यमान था। वे जन उद्धारक जैन आचार्य थे। उनका जीवन मानव को सद्गुणों की प्रेरणा देने वाला रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ नवकार महामंत्र से हुआ। मुनि आदित्य कुमारजी ने 'भिक्षु म्हारे प्रगट्या जी' गीत के माध्यम से श्रद्धा अर्पित की। सूरत से पधारे सुरेश सुराणा एवं तेरापंथ महिला मंडल द्वारा भक्ति गीत प्रस्तुत किया गया।
मुनिश्री द्वारा 'ॐ भिक्षु जय भिक्षु' का जाप करवाया गया। सभा अध्यक्ष पारसमल भंसाली, तेरापंथ महासभा से प्रकाश लोढ़ा, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष प्रसन्न धोका, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा लक्ष्मी बोहरा, मंत्री विजेता रायसोनी, अणुव्रत समिति अध्यक्ष ललित बाबेल एवं रेणु कोठारी ने अपने विचार व्यक्त किए। सभा मंत्री विनोद छाजेड़ ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया।मुनिश्री ने 266वें तेरापंथ स्थापना दिवस के सदंर्भ में कहा कि जैन धर्म में तेरापंथ समुदाय की अलग ही पहचान है, इसके मानवता परक कार्य दिन प्रतिदिन बढ रहे हैं। आचार्य भिक्षु इसके संस्थापक रहे हैं। आचार्य भिक्षु ने तेले की तपस्या के साथ इसकी स्थापना राजस्थान के केलवा ग्राम अंधेरी ओरी में की थी। उस समय की धार्मिक और सामाजिक विषमताओं को दूर करने का प्रयास किया था। आज के दिन हम गुरु को नमन करें, गुरु की स्मृति करें, गुरु का गुणगान करें और गुरु के साहित्य का पठन करने का संकल्प करें। मुनिश्री ने अनेक श्रावक-श्राविकाओं को तेले की तपस्या का प्रत्याख्यान करवाया। 'नचिकेता' मुनि आदित्य कुमार जी ने गीतिका का संगान किया। तेरापंथ महिला मंडल की बहनों एवं सभा पूर्व अध्यक्ष बहादुर सेठिया ने गीतिका की प्रस्तुति दी। सभा मंत्री विनोद छाजेड़ ने आगामी कार्यक्रम की सूचना दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन महिला मंडल मंत्री विजेता रायसोनी ने किया।