रक्षा कवच होते हैं मंत्र

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विजयनगर।

रक्षा कवच होते हैं मंत्र

मंत्र हमारे रक्षा कवच होते हैं इससे शारीरिक मानसिक भावनात्मक सदृढ़ता आती है। यह विचार साध्वी संयमलता जी ने 'ॐ ऋषभाय हनि हनि स्वाहा:' मंत्र के सवा करोड़ जप अनुष्ठान की पूर्णाहुति पर तेरापंथ भवन विजयनगर में कहे। साध्वीश्री जी ने कहा यह मंत्र शारीरिक स्वास्थ्य का प्रदाता है। यदि कोई तप नहीं कर सकते तो जप करके अपनी श्रद्धा को घनीभूत करें। साध्वीश्री ने कहा कि हमने सवा करोड़ जप का लक्ष्य लेकर अनुष्ठान का प्रारंभ किया था किंतु आज पूर्णाहुति तक लगभग डेढ़ करोड़ जाप का अनुष्ठान हो चुका है। साध्वी मार्दवश्री जी ने कहा यह मंत्र हमारे प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभ को समर्पित है। मंत्र के द्वारा सकारात्मक ऊर्जा का वलय निर्मित होता है, उसके प्रभाव से हमारे आभामंडल के रंग परिवर्तित होते हैं। सभा अध्यक्ष मंगल कोचर ने विचार रखे। कार्यक्रम में सभी संस्थाओं के पदाधिकारीगण के साथ श्रावक-श्राविकाओं की अच्छी उपस्थिति रही।