
रचनाएं
चमत्कारी भिक्षु नाम
चमत्कारी भिक्षु नाम लगता सुहाना है।
सांवरी सूरत पे दिल ये दीवाना है।।
देव दुर्लभ नंदनवन जग हितकारी है,
तेरापंथ प्रभुपंथ जय जयकारी है।
भक्ति में शक्ति, दुनियां ने पहचाना है।।
त्याग धर्म आज्ञा धर्म तूने बतलाया है,
दया पालो हृदय बदलो मर्म यह समझाया है।
तेरी शिक्षाएं अनुपम सुख का खजाना है।।
एक गुरु एक विधान गण की पहचान है,
मर्यादित विनीत यहां पाता सम्मान है।
सेवा से मिलता मेवा, भिक्षु का फरमान है।।
तीन सौवां बर्थडे आया मंगलकारी है,
हर फूल भिक्षु गाए सजी फुलवारी है।
तेरे ही नाम लिखा श्रद्धा का नजराना है।।
लय- चुप-चुप खड़े हो