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आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष, वर्षावास स्थापना एवं तेरापंथ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन
भिक्षु चेतना वर्ष के शुभारंभ के अवसर पर साध्वी डॉ. गवेषणाश्रीजी ने कहा कि आचार्य भिक्षु तेरापंथ के प्रथम आचार्य थे। उनका जन्म वि. सं. 1783 आषाढ़ शुक्ला त्रयोदशी मंगलवार को हुआ। आज 300 वां जन्मदिवस है। आचार्य भिक्षु एक निर्भीक और प्रत्युत्पन्नमति आचार्य थे। उन्होंने अपनी जीवन तंत्री पर सदा सत्य का आलाप भरा। जनापवाद के शैवाल से घबरा कर किनारे पर बैठे रहना उन्होंने कभी पसंद नहीं किया। उनका आज बोधिदिवस भी है। बोधि का तात्पर्य है सम्यक् ज्ञान, सम्यक् दर्शन और सम्यक् चारित्र की प्राप्ति। साध्वी मयंकप्रभाजी ने कहा- जन्म लेना कोई बड़ी बात नहीं है, जीवन सार्थक बनाना बड़ी बात है। जन्मदिन उसी का महत्वपूर्ण है- जिनके जीवन में प्रेरणा है, प्रकाश है, तेजस्विता है। साध्वी दक्षप्रभा जी ने सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ ।
इस अवसर पर ज्ञानशाला, हैदराबाद द्वारा गीतिका की प्रस्तुति दी गई। महासभा के सदस्य लक्ष्मीपत बैद, टी.पी.एफ अध्यक्ष वीरेंद्र घोषल, अणुव्रत समिति अध्यक्ष राजेंद्र बोथरा, तेयुप अध्यक्ष अभिनन्दन नाहटा एवं राजेश सेठिया ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। आभार ज्ञापन मंत्री हेमंत संचेती ने किया। साध्वी मेरुप्रभा जी ने कुशलतापूर्वक कार्यक्रम का संचालन किया। आचार्य श्री भिक्षु की जन्म त्रिशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में तेरापंथ भवन, डी. वी. कॉलोनी में आयोजित समारोह के प्रथम दिवस का कार्यक्रम आध्यात्मिक और भावनात्मक रूप से अत्यंत प्रेरणादायक रहा। तेरापंथी सभा, सिकंदराबाद द्वारा भव्य भिक्षु भजन संध्या का आयोजन किया गया, जो साध्वी डॉ. गवेषणाश्री जी आदि ठाणा-4 के सान्निध्य में संपन्न हुई। साध्वी डॉ. गवेषणाश्री जी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आचार्य भिक्षु का जन्म कंटालिया जैसे कठोर वातावरण में हुआ, पर उन्होंने सत्य की साधना करते हुए कांटों के बीच गुलाब की भांति धर्म संघ की स्थापना की।
सभा, सिकंदराबाद अध्यक्ष सुशील संचेती ने श्रावक-श्राविकाओं का स्वागत किया एवं आचार्य भिक्षु के प्रति अपनी अभिवंदना प्रेषित की। भजन संध्या में साध्वी मेरुप्रभाजी ने गीतिका के माध्यम से आराध्य को श्रद्धांजलि दी। इसके अतिरिक्त अशोक संचेती, शुभराज गधैया, सरला भूतोडिया, रौनक नाहटा, तेरापंथ युवक परिषद, भिक्षु प्रज्ञा मंडली सहित अनेक भजनकारों ने भावपूर्ण भजनों से श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कार्यक्रम का कुशल संचालन नवनीत छाजेड ने किया। सभा अध्यक्ष सुशील संचेती के साथ तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम, अणुव्रत समिति के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही।