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वीतरागता का पथ ही है शूरवीरता का मार्ग
मुनि हिमांशु कुमार जी के सान्निध्य में दीक्षार्थी बहिन वीनू संकलेचा के सम्मान में मंगल भावना समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुनिश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र एवं कषाय उपशम ध्यान के साथ हुआ। तेरापंथ सभा अध्यक्ष गौतमचंद गोलेछा ने स्वागत भाषण में मंगल भावना प्रकट की। निवर्तमान अध्यक्ष अशोक जीरावला ने दीक्षार्थी बहिन का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। इस अवसर पर तेयुप प्रचार मंत्री राजकुमार जी. नाहटा एवं तेरापंथ ट्रस्ट अध्यक्ष ओमप्रकाश कोठारी ने भी अपने विचारों के माध्यम से दीक्षा पथ पर अग्रसर बहिन की संयम यात्रा की अनुमोदना की।
मुनि हिमांशु कुमार जी ने अपने उद्बोधन में कहा, 'दो प्रकार के वीर होते हैं – सांसारिक और आध्यात्मिक। वीतरागता का पथ ही शूरवीरता का मार्ग है।' मुनि हेमंत कुमार जी ने 'शूरवीर' की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि त्यागी वही होता है जो स्वेच्छा से भोग-विलास को त्याग देता है — वही सच्चा शूरवीर होता है। दीक्षार्थी बहिन वीनू संकलेचा ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि उन्होंने संयम मार्ग क्यों चुना तथा किस प्रेरणा से यह निर्णय लिया। तेरापंथ सभा मदुरै की ओर से दीक्षार्थी बहिन का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में बहिन वीनू संकलेचा के पिता देवराज संकलेचा ने सभी श्रद्धालुओं को 3 सितम्बर 2025, अहमदाबाद में आचार्य श्री महाश्रमण जी के सान्निध्य में आयोजित समणी दीक्षा समारोह में सादर आमंत्रित किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा दीपिका फुलफगर ने किया।